आदिवासी गोत्र लिस्ट aadivasi gotra list . उरांव गोत्र लिस्ट uranv gotra list . पहाड़ी खड़िया के गोत्र की लिस्ट , ढेलकी खड़िया के गोत्र की लिस्ट , दुध खड़िया आदिवासी जाति के गोत्र की लिस्ट , बिरहोर आदिवासी गोत्र लिस्ट , आदिवासियों की कुलदेवी कौन है
आदिवासी गोत्र लिस्ट aadivasi gotra list
आदिवासी गोत्र लिस्ट – आदिवासियों में कौन-कौन सी जातियां होती है और कौन-कौन से गोत्र होते हैं इन सभी के बारे में जानकारी यहां पर विस्तार से दी गई है । यदि आप आदिवासी जाति से बिलॉन्ग करते हैं और आप यह जानना चाहते हैं कि आदिवासी में कौन-कौन सी जातियां होती है और उनके कौन-कौन से गोत्र होते हैं तो उन सभी की विस्तृत सूची यहां पर नीचे दी गई है । आदिवासी के अंतर्गत आने वाली जातियों के नाम गोत्र वंशावली और अर्थ के बारे में विस्तार से जानने के लिए नीचे तक पढ़े ।
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ढेलकी खड़िया आदिवासी जाति के कुल गोत्र
आदिवासी गोत्र लिस्ट – ढेलकी खड़िया आदिवासी जाति के कुल गोत्र आठ माने गये हैं ।
आदिवासी ढेलकी खड़िया के गोत्र Dhalki khadiya ke gotra
- मुरू- कछुआ
- सोरेन (सोरेंग, सेरेंग) या तोरेंग- पत्थर या चट्टान
- समाद- एक हरिण? अथवा बागे- बटेर
- बरलिहा- एक फल
- चारहाद या चारहा – एक चिड़िया
- हंसदा या डूंगडूंग या आईंद – एक लंबी मछली 7. मैल – मैल अथवा किरो- बाघ
- तोपनो- एक चिड़िया
आदिवासी जाति दूध खड़िया के गोत्र aadivasi dudh khadiya ki gotra
दूध खड़िया आदिवासी जाति 9 गोत्र को मानते हैं ।
- डूंगडूंग – एक लंबी मछली
- कुलु- कछूवा
- समाद अथवा केरकेट्टा- एक पक्षी
- बिलूंग- निमक
- सोरेंग- चट्टान
- बा- धान
- टेटेहोंए – एक पक्षी
- टोपो से निकले हैं
गोत्र : सौरिया आदिवासी जनजाति को छोड़ कर अन्य सभी आदिवासी की 29 जनजातियां कई गोत्रों में विभक्त हैं।
संताल गोत्र लिस्ट Santal gotra list
संतालों आदिवासी जनजाति में कुल 12 गोत्र पाये जाते हैं ।
1 . हंसदा
2 . मुर्मू
3 . किस्कू
4 . हेम्ब्रम
5 . मरांडी
6 . सोरेन
7 . टुडु
8 . बासके
9 . बेसरा
10 . पौड़िया
11 . चोंडे और
12 . बेदिया।
हालांकि संताल आदिवासी जनजाति में मूल गोत्र प्रथम सात ही माने गये हैं । लेकिन सामाजिक दृष्टि से सभी गोत्र सब समान हैं। इस कारण से बाकी गोत्र को भी समान दर्जा दिया गया है ।
उरांव गोत्र लिस्ट uranv gotra list
उरांव में भी करीब 14 प्रमुख गोत्र होते हैं । उरांव के 14 गोत्र की लिस्ट ।
1 . लकड़ा
2 . रफंडा
3 . गारी
4 . बांडी
5 . किसपोट्टा
6 . तिर्की
7 . टोप्पो
8 . एक्का
9 . खलखो
10 . लिंडा
11 . मिंज
12 . कुजूर
13 . बेक और
14 . केरकेट्टा।
उरांव में लकड़ा (शेर), तिर्की (बड़ा चूहा), कच्छप (कछुआ), खाका (कौआ), तिग्गा (बंदर), कुजूर (लता), आदि और संतालों में हंसदा (हंस),मुर्मू (नील गाय), हेम्ब्रम (सुपारी), बेसरा (बाज), पौड़िया (कबूतर), चोंड़े (छिपकिली) आदि गोत्र के नाम हैं ।
उरांव समुदाय के गोत्र uranv gotra list
उरांव मे निम्नलिखित गोत्र पाए जाते है ।
- लकड़ा
- केरकेट्टा
- लिंडा
- मिंज
- खालको
- कुजूर
- बेक
- टोप्पो
- एक्का
- रुंडा
- गारी
- बाडी या बाड़ा
- तिर्की
- किस्पोट्टा
- खोया
- बंडो
- तिग्गा
- ओसगा
- बरवा
- गिद्धि
- कच्छप – कछुआ
- किंडो – एक प्रकार की मछली
- खेस – धान
- बाड़ा – बरगद पेड़
27.बखला – एक नशीला पौधा - पन्ना – लोहा
- अमड़ी – माड़ (चावल पकाते वक्त बचा हुआ पानी)
- खेत्ता – नाग साँप
- बाँध – पानी का तलाब
- जुब्बी – दलदली भूमि
मुंडा आदिवासी जनजाति में गोत्र विभाजन से मोटे तौर पर दो समूह बने हैं। जिसमें से एक को ‘महली मुंडाको’ कहा जाता है और दूसरे को ‘कोमपाट मुंडाको कहा जाता है । महली मुडाकों मुख्यत: तमाड़ इलाके में बसे हुए हैं, जो की ‘पातर’ नाम से जाने जाते हैं।
खड़िया आदिवासी जनजाति के तीन सामाजिक वर्ग बने हुए हैं । पहाड़ी खड़िया, दुध खड़िया और ढेलकी खड़िया खड़िया आदिवासी जनजाति के तीन वर्ग हैं।
पहाड़ी खड़िया के गोत्र की लिस्ट pahadi khadiya aadivasi gotra list
पहाड़ी खड़िया के दस प्रमुख गोत्र हैं – कुलसी, खेलुआ, कुजूर, अंगारिया, भुइयां, गुलु, जारू, बध, तेसा, हेम्बरम आदि।
कुलसी
खेलुआ
कुजूर
अंगारिया
भुइयां
गुलु
जारू
बध
तेसा
हेम्बरम
ढेलकी खड़िया के गोत्र की लिस्ट Dhalki khadiya aadivasi gotra list
ढेलकी खड़िया के आठ गोत्रा पाये जाते हैं – मुरू, सोरों, समद या बागे, हंसदा या दमदम, बारलीहा, जारहाद, टोप्नो और भाई।
1 . मुरू
2 . सोरों
3 . समद या बागे
4 . हंसदा या दमदम
5 . बारलीहा
6 . जारहाद
7 . टोप्नो
8 . भाई
दुध खड़िया आदिवासी जाति के गोत्र की लिस्ट dudh khadiya aadivasi gotra list
दुध खड़िया में नौ प्रकार के गोत्र पाये जाते हैं- दुमदुम, टोप्पो, सोरेन, केरकेट्टा, कुलु, बिलुंग, बास, टेरू और कीर।
1 . दुमदुम
2 . टोप्पो
3 . सोरेन
4 . केरकेट्टा
5 . कुलु
6 . बिलुंग
7 . बास
8 . टेरू और
9 . कीर
बिरहोर आदिवासी जाति में उथलू और जांधी दो तरह के आदिवासी समुदाय पाये जाते हैं। जो बिरहोर जंगल-जंगल घूमते रहते हैं वह यायावर जिंदगी जीते हैं । जो जंगल जंगल घूमते हैं वह उथलू या फिरंता कहलाते हैं। जो बिरहोर आदिवासी जाति जंगल-जंगल भटकना छोड़कर कहीं गांव बना कर स्थायी रूप से बस गये हैं, उन्हें जांधी या पनीया कहा जाता है।
बिरहोर आदिवासी गोत्र लिस्ट birhor aadivasi gotra list
बिरहोर आदिवासी गोत्र लिस्ट – बिरहोर आदिवासी जाति के 23-24 गोत्र पाये गये हैं । बिरहोर आदिवासी जनजाति के गोत्र के नाम टोपवार, इंदुआर, वसवार, थनवार, केरकेट्टा, हेम्ब्रम, कछुआ, खेर, लकुरचट्टा, मछली, बराह, कौआ, गिद्ध भुइया, गेरुआ, गुंडरी, तिरीवर, केंदुआ, लुडीजाल, सिगपुरिया, तोरियार, महली, सुइया, भुरुम आदि है।
आदिवासियों की कुलदेवी कौन है aadivasiyon ki kuldevi kaun hai
आदिवासी कुलदेवी – अलग-अलग गोत्र के लोग आदिवासी अलग-अलग कुलदेवी को मानते हैं। कुछ आदिवासी गोत्र की कुलदेवी वाजेड माता है ।
कुछ आदिवासी वाजेड माता को अपनी कुलदेवी मानते हैं । वाजेड माता का मंदिर गुजरात और राजस्थान के क्षेत्र का पहला मंदिर देवल में हैं।
कुछ आदिवासी गोत्र की कुलदेवी सात माता है। सात माता को आदिवासी समाज कुलदेवी के रूप में पूजता है।
रावत जाति की कुलदेवी Rawat jaati ki kuldevi
रावत जाति की कुलदेवी मां चंडीदेवी । आदिवासी रावत जनसमुदाय ने की अपनी कुलदेवी मां चंडीदेवी की मूर्ति की स्थापित रामसिंह की चौकी में की है। रावत जाति की कुलदेवी मां चंडीदेवी है। रावत जाति के लोग अपनी कुलदेवी मां चंडीदेवी को पुजते है। राजस्थान से लेकर के मध्य प्रदेश के आलीराजपुर जिले के ग्राम रामसिंह की चौकी तक रावत जाति के लोग अपनी कुलदेवी चंडीदेवी की पूजा करते हैं ।
सोलंकी कुलदेवी माता Solanki ki kuldevi
सोलंकी वंश की कुलदेवी खिवंज माताजी को माना गया है । सोलंकी वंश के लोग अपनी कुल देवी के रूप में खिवंज माताजी की पूजा करते हैं।
सोलंकी की कुलदेवी खिवंज माता है। इसीलिए सोलंकी खीमज माता को पुजते हैं ।
परमार वंश की कुलदेवी कौन है Parmar vansh ki kuldevi kaun hai
उत्तर भारत के परमार वंश की अलग कुलदेवी है तथा उज्जैन के परमार वंश की अलग कुलदेवी है । उत्तर भारत के परमार तथा उज्जैन के परमार अलग-अलग कुलदेवी को मानते हैं । उत्तर भारत के परमार की कुलदेवी सच्चियाय माता है तथा उज्जैन के परमारो की कुल देवी काली देवी है।
अत्रि गोत्र की कुलदेवी कौन है atri gotra ki kuldevi kaun hai
अत्रि गोत्र कि कुलदेवि विकरा माता है। अत्री गोत्र के लोग विकरा माता को अपनी कुलदेवी मानते हैं। अत्री गोत्र के लोग अपनी कुलदेवी के रूप में विकरा माता की पूजा करते हैं । कुछ अत्रि गोत्र के लोग अपनी कुलदेवी अन्नपूर्णा माताजी ( श्री पीपलसा माता ) को मानते हैं । अन्नपूर्णा माताजी और विकरा माता दोनों ही अत्री गोत्र की कुलदेवी मानी जाती है ।