RAJPUT – चौहान वंश गोत्र प्रवर वंश – अग्निवंश वेद । चौहान वंश का इतिहास गोत्र शाखाएं खापें उत्त्पति कुलदेवी ठिकाने रियासतें? राजपूत गोत्र और वंशावली सूची | Rajput Cast Surname Gotra List Hindi Me . राजपूत गोत्र, वंश और उपनाम (surname) की सूचि Rajput Caste Surname Gotra List in Hindi . चौहान वंश का इतिहास Chauhan History in Hindi
चौहान गोत्र लिस्ट Chauhan gotra list
बैजवापेण
बैजवापेड
मानव
कश्यप
अत्रय
व्याघ्र
कौशल्य
वशिष्ठ
भारद्वाज
वत्स
गौतम
वशिष्ठ भारद्वाज,
अत्रयवच्छिल
मरीच कश्यप
यमदागिनी
वत्स या कश्यप
भार्गव
व्याघ्रपद
मानव्य
शांडिल्य
भृगु
पाराशर
शांडल्य
भारद्वाज(भृगु)
कृष्णात्रेय
चान्द्रायन
शौनिक
भारद्वाज
गर्ग
ब्रह्मगौतम
गार्ग्य
समान
कौशिक
देवल,सांकृतसाम कौशल्य
वैन्य
गार्गेय
कपिल
कांवायन
विष्णुवर्धन
मान्डग्य
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चौहान वंश का इतिहास , गोत्र , शाखाएं , उत्त्पति कुलदेवी , प्रवर वंश
चौहान वंश का इतिहास , गोत्र , शाखाएं , उत्त्पति कुलदेवी , प्रवर वंश, ठिकाने रियासतें? राजपूत गोत्र और वंशावली सूची | Rajput Cast Surname Gotra List Hindi Me . क्षत्रिय – राजपूतों के गोत्र और उनकी वंशावली
चौहान वंश गोत्र प्रवर वंश – अग्निवंश
वेद – सामवेद
पेड़ – आशापाल , अशोक पेड
कुलदेवी – आशापुरा , शाकंभरी , समराय , सांभर
इष्टदेव – अचलेसवर , महादेव , शंकर , नगारा – विजय
निशान – पीला झंडा, सूरज , चांद , कटारी बंद गदी – सांभर, अजमेर, जालोर, रणथंभोर,
शाख – 24
प्रवर- 3 होली , दीपावली , दशहरा
भेरुव – काला भेरुव
गुरु – वशिष्ट मुनि
नदी – चंद्रभागा
घोड़ा – केवट सफेद
पिरोहित – राजपुरोहित चारण – गाडरिय
ढोली- मुनीयो
नाई – खुरदरा
राव – माघदवंशी
गढ़ – अजमेर,सांभर, रणथंभोर, जालोर, मकराना, तोसिना,गढ़ सिवाना
तलवार – रणबंकी
तंभू – दल बादल
धुणी – सांभर
माला – वाजुंस्ती
गोत्र – वत्स
चौहान कितने प्रकार के होते हैं Chauhan kitne prakar ke hote Hain
Chauhan kitne prakar ke hote Hain – चौहान अलग-अलग प्रकार के होते हैं । चौहान की कई अलग-अलग शाखाएं हैं । चौहान अलग-अलग भागों में विभाजित है । चौहान शाकंभरी चौहान, चालुक्य चौहान और अजमेर चौहान भी होते हैं। गुर्जर तथा राजपूतों में भी चौहान होते हैं ।
चौहान वंश की 24 शाखाएं
चौहान राजपूत वंश की 14 शाखाएं है । राठौड़ राजपूत की 12 शाखाएं हैं । परमार राजपूत की 16 शाखाएं हैं । सोलंकी राजपूत की 6 शाखाएं हैं। गहलोत राजपूत की 12 शाखाएं हैं । चंद्रवंशी राजपूत की 4 शाखाएं हैं । परिहार राजपूत की 6 शाखाएं हैं ।
चौहान वंश की प्रमुख शाखाये – 1. अरनेत चौहान
- सोनीगरा चौहान 3. सांचौरा चौहान 4. खींची चौहान 5. देवड़ा चौहान 6. हाडा चौहान
- निरवाण चौहान 8. सेपटा चौहान 9. पुरबिया चौहान 10. भदौरिया चौहान 11.बाडा चौहान
- चीबा चौहान 13. आभा चौहान 14. बालोत चौहान 15. बाग़डिया चौहान 16. मोहिल चौहान 17.पवेया चौहान 18. राखससिया चौहान 19. नाडोला चौहान 20.ढढेरिया चौहान 21. सांभरिया चौहान 22. उजपलिया चौहान 23. चोहिल चौहान 24. मदरेचा चौहान
मैनपुरी चौहान का गोत्र क्या है
मैनपुरी के चौहानों की शाखा ‘मैनपुरी चौहान’ ही कहलाती है। उत्तर प्रदेश के मैनपुरी एवं अलवर जिले में दी चौहानों की कुछ शाखाएं हैं । उत्तर प्रदेश राज्य के मैनपुरी बिजनौर में चौहान काफी ज्यादा संख्या में निवास करते हैं ।
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पृथ्वीराज चौहान का गोत्र क्या था
Prithviraj Chauhan ka gotra kya tha – पृथ्वीराज चौहान, चाहमान वंश का सबसे प्रतापी राजा थे । पृथ्वीराज चौहान चाहमान गोत्र का था । बहुत सारे लोगों को नहीं पता है कि Prithviraj चौहान किस गोत्र का था उन सभी की जानकारी के लिए मैं बता देना चाहता हूं कि पृथ्वीराज चौहान चाहमान गोत्र का प्रतापी राजा था ।
चौहान किसे कहते हैं
Chauhan kise kahate Hain – भारतीय राजपूत, कोली, जाट एवं गुर्जर वंश के अंतर्गत आने वाली एक जात होती है चौहान । पृथ्वीराज चौहान चौहान वंश अथवा चाहमान वंश के परम प्रतापी राजा जी । इसलिए पृथ्वीराज चौहान के वंश को चौहान वंश के नाम से जाना जाता है । पृथ्वीराज के वंशज को चौहान कहते हैं । पृथ्वीराज के परिवार के लोगों को चौहान कहते हैं।
चौहान वंश के गोत्र में पैदा होने वाले लोगों को चौहान कहते हैं ।
सांचोरा चौहान का इतिहास Sanchore Chauhan ka itihaas
चौहान सूर्यवंशी भगवान श्री राम के वंशज माने जाते हैं । चौहान वंश राजपूतों के 36 वंश में से एक है । चौहानों ने शाकम्भरी (सांभर), नाडोल, भीनमाल, अजमेर, जालोर, सिरोही, बूंदी, कोटा आदि राज्यों में राज किया था ।
सांचौरा चौहान का इतिहास :- आल्हण के पुत्र विजयसी ने सन् 1184 ईस्वी मे सांचोर पर अधिकार कल लिया था। आल्हण के वंशज सांचौर से निकास के कारण इनके वंशज सांचौरा चौहान कहलाये क्योंकि सांचौर के वंशज चौहान थे ।
विजयसी के बाद उनके वंशज पदमसी, शोभित, साल्हा, विक्रमसी हुए थे । जो की सांचोर के शासक हुए। विजयसी के वंशज महकरण, सांवतसी व राव बल्लू भी सांचोर के शासक हुए। राव बल्लू के ज्येष्ठ भ्राता शार्दूल के वंशज सांचोरा चौहान मालवा मे रहते है।
शार्दूल के बड़े पुत्र अमरदास के वंशज मालवा मे ठिकाना महुवा, दीपाखैड़ा, मोरखैड़ा, करनपुरा, मामटखैड़ा, जाकली सांसरी, पिपल्या व नकेड़िया मे रहते है। शार्दूल के द्वितीय पुत्र भगवानदास के वंशज ठिकाना पंचेड़ व ताजपुरिया मे रहते है। शार्दूल के तृतीय पुत्र भोजराज के वंशज ठिकाना टीमाइची मे व चतुर्थ पुत्र जगन्नाथ के वंशज ठिकाना गडगारा मे है।
chouhano ki kuldevi चौहानों की कुलदेवी
चौहान वंश की कुलदेवी शाकम्भरी / आशापुरा माता है। चौहानों की कुलदेवी शाकंभरी यानी कि आशापुरा के दर्शन हेतु अजमेर अहमदाबाद रेल मार्ग पर स्थित रानी रेल मार्ग से नाडोल जाकर के दर्शन कर सकते हैं । चौहान वंश की कुलदेवी शाकम्भरी / आशापुरा का मंदिर नाडोल में है । chouhano ki kuldevi के मंदिर में पशु की बलि निषेध मानी गई है ।